Wednesday, November 4, 2009

-- पूजाओं में आशीर्वाद स्वरुप इश्वर से क्या मांगे --




" विपत्तियों से रक्षा कर " -- यह मेरी प्रार्थना नही,

मैं विपत्तियों से भयभीत न होऊ !

अपने दुःख से व्यथित चित को सान्तवना देने की भिक्षा

नही मांगता, मैं दुःख पर विजय पाऊं !

यदि सहायता न जुटे तो भी मेरा बल न टूटे,

संसार से हानि ही मिले, केवल वंचना ही पाऊं,

तो भी मेरा मन उसे क्षति न माने!

" मेरा त्राण कर" यह मेरी प्रार्थना नही,

मेरी तैरने की शक्ति बनी रहे,

मेरा भार हल्का करके मुझे सान्तवना न दे,

यह भार वहन करके चलता रहूँ!

सुख भरे क्षण में नतमस्तक मैं तेरा मुख पहचान पाऊं,

किंतु दुःख भरी रातों में जब सारी दुनिया मेरी वंचना करे,

तब भी मैं तेरे प्रति शक्ति न होऊं!


रविंद्रनाथ टैगोर ( मोक्ष पत्रिका से )


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