Tuesday, December 3, 2019

शास्त्री जी... बाल कविता

राष्ट्र सेवा, लोक हित को,
जो अपना धरम बताये,
ऐसे महान शास्त्री जी को,
हम नमन करें सर झुकाये.

भारत के दूसरे प्रधान मंत्री,
जो आज जायें कहलाये,
आने वाली नयी पीढ़ी,
कहीं उनको भूल न जाये.

16 वर्ष की अल्प आयु में इन्होने,
अंग्रेजो से की लड़ाई थी,
इन्ही के त्याग परिश्रम से,
भारत ने स्वाधीनता पायी थी.

सादा जीवन जिया इन्होने,
जिसमें न खोट न बेईमानी थी,
इनके कार्यकाल में दुनिया,
भारत का लोहा मानी थी.

हरित क्रांति और श्वेत क्रांति,
यही तो देश में लाये थे,
जय जवान जय किसान के नारे,
जब देशवासियो ने लगाए थे.

सन 65, झूठे दम्भ में भरकर,
पाकिस्तान हुंकारा था,
इनके कहने पर सेना ने उसको,
लाहौर में घुसकर मारा था.

नेहरू और गाँधी के बीच,
कहीं यह महापुरुष खो न जाये,
ऐसे महान शास्त्री जी को,
हम नमन करें सर झुकाये.

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