Tuesday, December 3, 2019

दशहरा... आओ हम राम बन जाएं

शहरा हमें सीखा रहा, सर्वदा धर्म की जीत।
झूठ का पूर्ण उन्मूलन, और करना सत्य से प्रीत॥

राम की विजय-गाथा है दशहरा, रावण का जीवनान्त।
धर्म की अधर्म पर विजय का एक अनूठा वृतांत॥

राम चिरंतन चेतना, राम सनातन सत्य।
रावण वैर-विकार है, रावण है दुष्कृत्य॥
क्रोध, कपट, कटुता, कलह, चुगली अत्याचार।
दगा, द्वेष, अन्याय, छल, रावण का परिवार॥

भीतर छिपे इन दुर्गुणों पे आओ दे हम त्रास।
हर जागृत हृदय में हो अब श्री राम का वास॥

राम त्याग का उदाहरण हैं, मर्यादा किये धारण हैं।
मानव के दुःख संताप और अज्ञान का निवारण हैं॥

आओ हर दायित्व को ऐसे निभाएं के हम राम बन जाएं।
निज स्वार्थ का कर त्याग हम स्वं का अर्थ पा जाएं,
आओ हम राम बन जाएं, आओ हम राम बन जाएं॥

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